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  • दिल्‍ली की सीएम रेखा गुप्‍ता 31 मई को पेश करेंगी सरकार का रिपोर्ट कार्ड, देंगी 100 दिनों का लेखा-जोखा  

    नई दिल्‍ली:

    इस साल हुए विधानसभा चुनावों में जीत के साथ ही 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से चुनावी रैली में दिल्‍ली को ‘विकसित भारत की विकसित राजधानी’ बनाने का बड़ा वादा किया गया था. सीएम रेखा गुप्‍ता अब 31 मई को जवाहर लाल नेहरु स्‍टेडियम में दिल्ली सरकार 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगी. वहीं सीएम रेखा गुप्ता ने इन 100 दिनों में आयुष्मान योजना को लागू करने का श्रेय लिया है. सरकार की मानें तो इसके तहत दिल्ली के 30 लाख से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल रहा है. जबकि  70 साल के बुजुर्गों का इलाज भी मुफ्त में हो रहा है. 

    आरोग्‍य मंदिर से यमुना तक 

    दिल्‍ली सरकार का कहना है कि 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 11 इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 9 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल बनाने की शुरुआत हो गई है. साथ ही यमुना नदी की सफाई एक महात्वाकांक्षी योजना है. सरकार ने कहा है कि यमुना में फेरी और क्रूज चलाने के लिए एमओयू हो चुका है. साथ ही 27 नए STP प्लांट बनाने को भी मंजूरी मिल चुकी है. सरकार की मानें तो यमुना के लिए एक अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है.

    वायु प्रदूषण के लिए क्‍या किया 

    सरकार का कहना है कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘क्लाउड सीडिंग’ के ट्रायल को कैबिनेट से मंजूरी मिली है. सभी जिलों में  हर शनिवार को जन सुनवाई शिविर का आयोजन किया जा रहा है ताकि जनता की समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंच सकें. साथ ही जन शिकायत निवारण प्रणाली को और ज्‍यादा प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार का कहना है कि दिल्ली के पर्यावरण की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, उसने स्प्रिंकलर और स्मॉग गन्स को अब मानसून को छोड़कर सालभर सड़कों पर तैनात रखने का निर्णय लिया है. 

    महिलाओं के लिए क्‍या 

    दिल्‍ली सरकार ने कहा है कि वहीं राजधानी में अंतिम मील कनेक्टिविटी को सशक्त बनाने हेतु विशेष ‘देवी’ बसें शुरू की गई हैं.  इसके साथ ही, दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारणऔर पारदर्शिता विनियमन) विधेयक 2025 को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ‘महिला समृद्धि योजना’ को मंजूरी दी गई, जबकि न्यूनतम मजदूरी दर में वृद्धि करके करीब 40 लाख मजदूरों को लाभ पहुंचाने का कार्य भी सरकार ने किया है. 

    दिल्ली सरकार के सामने चुनौतियां 

    चुनाव के समय बीजेपी ने महिला सम्मान निधि के तहत गरीब महिलाओं को 2500 रुपए देने की घोषणा की थी. बजट भी अलॉट कर दिया गया है लेकिन अभी तक  रजिस्ट्रेशन तक शुरू नहीं हो पाया है. यही नहीं दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए नई EV policy को भी अब तक लॉन्‍च नहीं कर पाई है. सड़क और फ्लाई ओवर जैसे इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर को भी दुरुस्त करना बड़ी चुनौती है. वहीं हाल ही में हुई बारिश में कई जगहों पर जलभराव की समस्या भी आई है. इससे पता लगता है कि इस दिशा में और बेहतर काम करने की जरूरत है. 

  • भारत में 12 साल से रहने वाले 4 बांग्लादेशी घुसपैठियां पकड़े गए, पहचान पत्र भी बरामद

    नई दिल्ली:

    दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस टीम ने देश की राजधानी दिल्ली में चार अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जिन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा वो सभी पिछले 12 सालों से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे. इनके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद हुआ है. पकड़े गए अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को सभी को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डिपोर्टेशन सेंटर भेजा गया.

    गृह मंत्रालय के आदेश पर पुलिस का एक्शन

    गृह मंत्रालय के अवैध प्रवासियों को देश से निकालने के अभियान के तहत देशभर में पुलिस की ये कार्रवाई चल रही है. इसी कार्रवाई का नतीजा है कि दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए. पकड़े गए लोगों की की पहचान मोहम्मद असद अली (44), नसिमा बेगम (40), मोहम्मद नईम खान (18), आशा मोनी (13) के रूप में हुई है. सभी बांग्लादेश के फारूक बाजार अजवतारी, पी.ओ. गोंगरहाट, फूलबाड़ी, कुरिग्राम के रहने वाले हैं.

    12 साल से भारत में रह रहे थे बांग्लादेशी नागरिक

    गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने दिल्ली कैंट इलाके में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा और पूछताछ की. ये लोग कोई वैध भारतीय दस्तावेज नहीं दिखा सके और पूछताछ में कबूल किया कि वे करीब 12 साल पहले अवैध रूप से नदी पार कर भारत आए थे. इनके पास सिर्फ बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र की फोटोकॉपी थी. सत्यापन और पूछताछ के बाद कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर इन्हें FRRO के माध्यम से डिपोर्टेशन सेंटर भेजा गया.

  • ब्रेकअप का बदला! लड़के ने बनाया गर्लफ्रेंड का फर्जी सोशल मीडिया हैंडल, गिरफ्तार

    नई दिल्ली:

    दिल्ली पुलिस के उत्तर जिले की साइबर थाना टीम ने एक अहम कार्रवाई करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी पूर्व प्रेमिका से बदला लेने के इरादे से उसका फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर बदनाम करने की कोशिश की. आरोपी ने न केवल युवती की तस्वीरें फर्जी अकाउंट पर डालीं, बल्कि उसके दोस्तों से पैसे मांगने के लिए मैसेज भी भेजे.

    दिल्ली के सिविल लाइंस में रहने वाली 25 साल की पीड़िता एक इवेंट मैनेजर हैं. उन्होंने शिकायत की थी कि किसी ने उनका फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया है और उनकी तस्वीरें डाल रहा है और दोस्तों से पैसे मांगने के लिए मैसेज कर रहा है. जब उसके दोस्तों ने इस फर्जी अकाउंट की सच्चाई जानी और आरोपी से सवाल किया, तो आरोपी ने अश्लील और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए पीड़िता और उसके दोस्तों से गाली-गलौच करना शुरू कर दिया. 

    शिकायत के आधार पर साइबर नॉर्थ थाने में केस दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. तकनीकी जांच के जरिए फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट की जानकारी ली गई. इसमें दो संदिग्धों की पहचान हुई, जिनमें से एक को पीड़िता ने ‘अमन’ के नाम से पहचाना, जो उसका पूर्व प्रेमी था. आरोपी की लोकेशन कृष्णा नगर, दिल्ली में ट्रैक हुई और टीम ने उसे वहीं से गिरफ्तार कर लिया. उसके कब्जे से अपराध में प्रयोग किया गया मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए गए.

    21 साल के अमन ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह सिर्फ 5वीं कक्षा तक पढ़ा है और वर्तमान में बेरोजगार है. वह पिछले 3 सालों से पीड़िता के साथ रिश्ते में था लेकिन ब्रेकअप होने के बाद उसने बदला लेने की ठान ली. उसने पीड़िता की तस्वीरों का इस्तेमाल कर एक फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, जिसमें पीड़िता के दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और ‘मदद’ के नाम पर पैसे मांगने लगा. जब किसी ने उसकी बात नहीं मानी और सच्चाई जानने की कोशिश की, तो आरोपी ने गाली-गलौज और अभद्र भाषा का सहारा लिया.

  • दिल्ली पुलिस ने किया ऑटो-लिफ्टर्स सिंडिकेट का पर्दाफाश, 4 लोग गिरफ्तार

    नई दिल्ली:

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल (AEKC) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतर्राज्यीय ऑटो लिफ्टर्स के संगठित सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में पंजाब के चार शातिर रिसीवर गिरफ्तार किए गए हैं, जो पूरे भारत में सक्रिय थे. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर कुल 21 लग्जरी कारें बरामद की हैं, जिनके इंजन और चेसिस नंबर से छेड़छाड़ की गई थी और फर्जी नंबर प्लेट तथा फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लगे हुए थे.

    AEKC की विशेष टीम जिसमें एसआई अंकुर, एसआई अशोक कुमार, एसआई विजय कुमार, एसआई संजय, हेड कांस्टेबल विनीत, सोमेश और कॉन्स्टेबल प्यार सिंह शामिल थे, का नेतृत्व इंस्पेक्टर दिलीप कुमार कर रहे थे. इस टीम को एसीपी नरेश कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में गठित किया गया था. टीम ने कार चोरी की वारदातों का विश्लेषण किया और पाया कि ये चोर गिरोह मुख्यतः रात के समय लग्जरी कारों को निशाना बनाते हैं.

    7 मई 2025 को सूचना मिली कि अवतार सिंह उर्फ सनी अरोड़ा नामक एक रिसीवर फर्जी नंबर प्लेट लगी चोरी की ब्लू कलर की बलेनो कार में अपने साथी हरप्रीत सिंह उर्फ हनी के साथ दिल्ली से केएमपी होते हुए पंजाब जाएगा. टीम ने तुरंत DND फ्लाईओवर पर जाल बिछाया और शाम 6:30 बजे कार को बरामद कर लिया. जांच में कार चोरी की निकली, जो साकेत इलाके से चोरी हुई थी.

    पूछताछ में दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे दिल्ली से चोरी की गई लग्जरी कारों को पंजाब के अमृतसर और लुधियाना में बेचते थे. इन्होंने दशरथ और राज कुमार नामक सप्लायर्स से कारें खरीदी थीं. आगे की कार्रवाई में पंजाब के अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर आदि इलाकों में छापेमारी कर दो और आरोपी परमदीप उर्फ लोटे और मनप्रीत उर्फ बाऊ को भी गिरफ्तार किया गया.

    इस कार्रवाई में 21 हाई-एंड लग्जरी कारें बरामद की गई हैं, जिनमें फॉर्च्यूनर, थार, क्रेटा, किआ, स्विफ्ट, i20, ब्रीजा, हरियर और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियां शामिल हैं. सभी कारों के इंजन व चेसिस नंबर से छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे और उन्हें असली कार की तरह बेचा जा रहा था.

    आरोपियों के प्रोफाइल

    • अवतार सिंह उर्फ सनी अरोड़ा अमृतसर निवासी, पूर्व में प्रॉपर्टी डीलिंग करता था, सब्ज़ी मंडी में कार्यरत, पहले भी दो बार चोरी के मामलों में गिरफ्तार.
    • हरप्रीत सिंह उर्फ हनी,अमृतसर निवासी, BCA पास, 5 साल साइप्रस में रहा, जेल में सनी अरोड़ा से मिला और गिरोह में शामिल हुआ.
    • परमदीप उर्फ लोटे, लुधियाना निवासी, पूर्व ऑटो पार्ट्स फैक्ट्री मालिक, लॉकडाउन के बाद पुरानी कारों के व्यापार में चोरी की गाड़ियों को बेचने लगा.
    • मनप्रीत उर्फ बाऊ, फिरोजपुर निवासी, सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक, पहले ड्राइवर, अब चोरी की गाड़ियां बेचने में शामिल है.

    गिरोह का तरीका

    ये आरोपी 4-5 लाख रुपए में चोरी की लग्जरी गाड़ियां जैसे फॉर्च्यूनर, थार, किआ, क्रेटा खरीदते थे. फिर उनके इंजन व चेसिस नंबर बदलते और फर्जी आरसी तैयार कर उन्हें पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बेच देते थे. आरोपी अभी पुलिस रिमांड में हैं और उनसे पूछताछ जारी है. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है.

  • दिल्ली रिज में पेड़ों की अवैध कटाई: सुप्रीम कोर्ट ने DDA को ठहराया अवमानना का दोषी, दिया ये आदेश

    नई दिल्ली:

    दिल्ली के संरक्षित रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को अवमानना का दोषी ठहराया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया, जिसमें डीडीए के आचरण को “अवमाननापूर्ण” और “आपराधिक अवमानना” के दायरे में बताया गया. हालांकि, कोर्ट ने यह भी माना कि यह कटाई अर्धसैनिक बलों के लिए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (CAPFIMS) तक सड़क चौड़ी करने के उद्देश्य से की गई थी, जो प्रशासनिक गलत निर्णय की श्रेणी में आता है, न कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से.

    क्या है पूरा मामला

    यह मामला पिछले साल 3 फरवरी 2024 को शुरू हुआ, जब मैदानगढ़ी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान (CAPFIMS) तक सड़क चौड़ी करने के लिए रिज क्षेत्र में पेड़ काटे गए. याचिकाकर्ता बिन्दु कपूरिया ने आरोप लगाया कि यह कटाई दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के आदेश पर हुई, जिन्होंने उस दिन साइट का दौरा किया था. भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, 1,670 पेड़ काटे गए, जबकि डीडीए ने दावा किया कि यह संख्या केवल 642 थी. सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी 2025 को इस अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

    कोर्ट की सख्त टिप्पणी

    जस्टिस सूर्यकांत ने फैसले में कहा, “कानून की महिमा सर्वोच्च है और अवमानना को संवैधानिक ढांचे द्वारा मान्यता दी गई है. यह न्यायिक स्वायत्तता से जुड़ा है, जब जानबूझकर उल्लंघन होता है, तो दृष्टिकोण सख्त होना चाहिए.” कोर्ट ने डीडीए के आचरण को दो हिस्सों में बांटा: पहला, 1996 के आदेश का उल्लंघन, जिसमें पेड़ों की कटाई के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य थी; और दूसरा, यह तथ्य छिपाना कि पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे. कोर्ट ने दूसरी गलती को “अक्षम्य” करार देते हुए कहा कि जानबूझकर गैर-खुलासा न्यायिक प्रक्रिया के मूल पर प्रहार करता है और विपक्षी पक्ष को अपरिवर्तनीय नुकसान पहुँचाता है. 

    प्रशासनिक गलती, लेकिन सार्वजनिक हित को प्राथमिकता 

    कोर्ट ने माना कि डीडीए का उद्देश्य दुर्भावनापूर्ण नहीं था. सड़क चौड़ीकरण का मकसद अर्धसैनिक बलों के लिए अस्पताल तक पहुंच आसान बनाना था. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल तक पहुंच एक विशेषाधिकार नहीं, बल्कि आवश्यकता है. सैन्य कर्मी, जो जंगलों या लेह जैसे दूरदराज के इलाकों में सेवा करते हैं, उनके लिए ऐसे संस्थान अनिवार्य हैं. ” कोर्ट ने इसे प्रशासनिक गलत निर्णय की श्रेणी में रखा और संवैधानिक नैतिकता, सामाजिक-आर्थिक न्याय और समानता के सिद्धांतों के आधार पर फैसला सुनाया.

    कोर्ट के निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को सख्त निर्देश दिए:

    प्रतिपूरक वनरोपण: कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की, जो प्रतिपूरक वनरोपण की योजना बनाएगी। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि सड़क के दोनों ओर घने पेड़ लगाए जाएं.

    सड़क चौड़ीकरण पूरा करें: कोर्ट ने रिज क्षेत्र में सड़क चौड़ी करने पर लगी रोक हटा दी और डीडीए को जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया.

    जुर्माना: डीडीए के उन सभी अधिकारियों (अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को छोड़कर) पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जो पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार पाए गए. इसके अलावा, आंतरिक जाँच समिति द्वारा विभागीय कार्यवाही को तार्किक अंत तक ले जाने का आदेश दिया गया.

    लाभार्थियों पर शुल्क: कोर्ट ने कहा कि जिन संपन्न लोगों ने चौड़ी सड़क से लाभ उठाया, उनकी पहचान कर उनसे उचित शुल्क वसूला जाए.

    निगरानी: समिति को समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया गया.

    दिल्ली एलजी को राहत

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को इस मामले में क्लीन चिट दे दी. कोर्ट ने कहा कि एलजी अब डीडीए के अध्यक्ष नहीं हैं और उस समय भी पूर्णकालिक सदस्य नहीं थे, इसलिए उनके खिलाफ अवमानना का मामला बंद किया जाता है. एलजी ने पहले हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्हें पेड़ों की कटाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की जरूरत के बारे में नहीं बताया गया था.

    डीडीए की दलील

    डीडीए के उपाध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि मौजूदा सड़क केवल 7.5 फुट चौड़ी थी, जिसे 15 फुट चौड़ा करना जरूरी था ताकि सैनिकों के वाहन अस्पताल तक आसानी से पहुँच सकें. वहीं, उपराज्यपाल की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि अनिवार्य 5,340 पौधों के बजाय 70,000 पौधे लगाए जाएंगे.

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